Basic Electronics Component   

Basic Electronics Component

इलेक्ट्रॉनिक घटक किसी भी इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली में बुनियादी असतत उपकरण हैं जिनका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स अन्यथा विभिन्न संबद्ध क्षेत्रों में किया जाता है। ये घटक बुनियादी तत्व हैं जिनका उपयोग विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट को डिजाइन करने के लिए किया जाता है। इन घटकों में कम से कम दो टर्मिनल होते हैं जिनका उपयोग सर्किट से कनेक्ट करने के लिए किया जाता है। इलेक्ट्रॉनिक घटकों का वर्गीकरण सक्रिय, निष्क्रिय और इलेक्ट्रोमैकेनिकल जैसे अनुप्रयोगों के आधार पर किया जा सकता है।

सक्रिय घटक

 

इन घटकों का उपयोग विद्युत शक्ति उत्पन्न करने के लिए विद्युत संकेतों को बढ़ाने के लिए किया जाता है। वोल्टेज और बढ़ी हुई बिजली से बचाने के लिए इन घटकों का कामकाज इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के भीतर एक एसी सर्किट की तरह किया जा सकता है। एक सक्रिय घटक अपने कार्यों को निष्पादित करता है क्योंकि यह बिजली स्रोत के माध्यम से संचालित होता है। इन सभी घटकों को कुछ ऊर्जा स्रोत की आवश्यकता होती है जिसे आम तौर पर डीसी सर्किट से हटा दिया जाता है। किसी भी गुणवत्ता प्रकार के सक्रिय घटक में एक ऑसिलेटर, आईसी (एकीकृत सर्किट) और ट्रांजिस्टर शामिल होंगे।

निष्क्रिय घटक

इस प्रकार के घटक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में जाल ऊर्जा का उपयोग नहीं कर सकते हैं क्योंकि वे एसी सर्किट से जो भी पहुंच योग्य है उसे छोड़कर, किसी शक्ति स्रोत पर निर्भर नहीं होते हैं। परिणामस्वरूप, वे प्रवर्धित नहीं हो सकते, हालाँकि वे अन्यथा वोल्टेज या धारा को बढ़ा सकते हैं। इन घटकों में मुख्य रूप से रेसिस्टर्स, इंडक्टर्स, ट्रांसफार्मर और कैपेसिटर जैसे दो-टर्मिनल शामिल हैं।

इलेक्ट्रोमैकेनिकल घटक

ये घटक मोटर को घुमाने जैसे कुछ यांत्रिक परिवर्तन करने के लिए विद्युत संकेत का उपयोग करते हैं। आम तौर पर, ये घटक चुंबकीय क्षेत्र बनाने के लिए विद्युत प्रवाह का उपयोग करते हैं ताकि भौतिक हलचल हो सके। इस प्रकार के घटकों में विभिन्न प्रकार के स्विच और रिले लागू होते हैं। वे उपकरण जिनमें विद्युत के साथ-साथ मैकेनिकल की भी प्रक्रिया होती है, इलेक्ट्रोमैकेनिकल उपकरण होते हैं। यांत्रिक गति के माध्यम से विद्युत उत्पादन उत्पन्न करने के लिए एक इलेक्ट्रोमैकेनिकल घटक को मैन्युअल रूप से संचालित किया जाता है।

अगर आप इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर के विधार्थी है या फिर इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर के बारे में जानना चाहते है और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर के नए नए सर्किट बनाना चाहते है तो आपको सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिक्स के कॉम्पोनेन्ट और eqeipment की जानकारी होना बहुत जरुरी है क्योकि बेसिक जानकारी के बिना या उन कॉम्पोनेन्ट की वेल्यू राइटिंग और उनके कार्य के बिना आप किसी तरह का कोई भी कोई सर्किट नहीं बना सकेंगे इस लिए जानकारी के बिना काम अधूरा है 

इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट बनाने के लिए बहुत सारे कॉम्पोनेन्ट की जरूरत पड़ती है और  ये सर्किट पर निर्भर करता है कि उसमे कितने तरह के कॉम्पोनेन्ट लगेंगे जैसे की रजिस्टर, डायोड, कैपस्टर, पीएफ, ट्रासंसिस्टर, led, smps, फ्यूज, vdr, mospet, आदि   इनके आलावा कुछ equipment भी होते है जैसे की पावर सप्लाई सिग्नल जनरेटर मल्टीमीटर आदि तो इन सभी के बारे में जानकारी ले उसके बाद ही आप सर्किट बना सकेंगे तो आज की इस पोस्ट में आपको इलेक्ट्रॉनिक्स के बेसिक कॉम्पोनेन्ट और उपकरण के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी 

 

Basic Electronics Name कॉम्पोनेंट के नाम ओर विवरण

1 रजिस्टर 

2 कपेस्टर

3 डायोड 

4 ट्रांसिसटर 

5 आईसी 

6 फ्यूज़ 

7 इंडेकटर 

8 स्विच 

9 बेटरी

10 मल्टीमीटर

11 माइक्रोस्वित्च

12 बजर

13 एलडीआर

14 सोल्डरिंग आइरन 

15 पेस्ट 

16 लेड

17 एलईडी

18 वीडीआर

19 रीले

20 मौसपेट 

21 कनेकटिंग वायर 

22 जीनर डायोड 

23 पीएफ़

24 ट्रांस्फारमर 

25 पॉटेंशियोमीटर

रजिस्टर (Resistor)

Electronics component Resistor

प्रतिरोधक (Resistor) एक इलेक्ट्रिकल कॉन्पोनेंट होता है जैसे कि दूसरे डायोड, कैपेसिटर इत्यादि होते हैं. और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में प्रतिरोधक का इस्तेमाल करंट के बहाव को रोकने के लिए या उसे कम करने के लिए किया जाता है. रजिस्टर कई प्रकार के होते हैं इनके काम करने के आधार पर इन को अलग-अलग श्रेणियों में रखा जाता है

कपेस्टर (Capacitors)

Electronics Component Capacitor

कैपिसिटर एक इलेक्ट्रॉनिक कॉन्पोनेंट है जो कि लगभग सभी सर्किट में इसका इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि हर रेडियो टेलीविज़न इत्यादि। Capacitors में इलेक्ट्रिक चार्ज स्टोर हो जाता है।

कैपेसिटर दो कंडक्टर सामान्यतः दो प्लेटों से बना होता है. और इन दोनों प्लेटों के बीच में डाई इलेक्ट्रिक मटीरियल लगाया जाता है जिससे यह अलग हो जाते हैं.जब कैपेसिटर को किसी पावर सोर्स के साथ में जोड़ दिया जाता है तो यह इलेक्ट्रिक चार्ज को स्टोर कर लेता है. और इसके अंदर लगी दोनों प्लेट यह चार्ज स्टोर करने का काम करती है जिसमें से एक प्लेट पर पॉजिटिव चार्ज होता है और दूसरी पर नेगेटिव चार्ज होता है.इसके बारे में ज्यादा जानकारी हमारे एक और पोस्ट में दी गई है जिसका लिंक नीचे दिया गया है

1 वोल्ट के वोल्टेज पर कैपेसिटर के अंदर चार्ज होने वाले इलेक्ट्रिक चार्ज की Amount को Capacitance कहते हैं. कैपेसिटेंस को मापने की इकाई Farad (F) है.कैपेसिटर के अंदर लगी प्लेट की संख्या को बढ़ाकर इसका Capacitance भी बढ़ाया जा सकता है

डायोड (Diodes)

Electronics Component Diode

डायोड एक non-linear सेमीकंडक्टर डिवाइस है क्योंकि करंट को सिर्फ एक दिशा में जाने देती है. डायोड के दो टर्मिनल होते हैं जिंहें एनोड और कैथोड कहा जाता है. नीचे आपको इसका इलेक्ट्रिक सिंबल दिया गया है.

एक सामान्य PN Diodes को AC सप्लाई को DC मे बदलने वाले सर्किट में इस्तेमाल किया जाता है. और आपने LED लाइट एमिटिंग डायोड के बारे में तो जरुर सुना होगा. जो कि एक सेमीकंडक्टर डिवाइस है और एक्टिवेट होने के बाद में लाइट छोड़ती है.

ट्रांजिस्टर (Transistor)

Electronics Component Transistor

ट्रांजिस्टर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो संचालन और प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए उपयोग होता है। यह एक सेमीकंडक्टर डिवाइस है, जिसे थायरिस्टर और डायोड के साथ मिलाकर त्रिस्तरी उपकरण भी कहा जाता है। 

ट्रांजिस्टर तीन प्रमुख आवेशित रेखाओं से मिलकर बना होता है: इंपट रेखा (बेस), आउटपुट रेखा (कलेक्टर) और संकेत रेखा (एमीटर)। यह प्रवाह को एक से दूसरे संकेत रेखा के माध्यम से नियंत्रित करने की क्षमता रखता है।

ट्रांजिस्टर के प्रमुख प्रकार होते हैं:

NPN ट्रांजिस्टर: इसमें नेगेटिवली आयोनिज की एक प्राथमिक प्राथमिक आवेशित रेखा होती है, जो प्रमुख प्रवाह के बीच आवेशित होती है।

PNP ट्रांजिस्टर: इसमें पॉजिटिवली आयोनिज की एक प्राथमिक प्राथमिक आवेशित रेखा होती है, जो प्रमुख प्रवाह के बीच आवेशित होती है।

आईसी (IC)

Electronics Component IC

आईसी (IC) या इंटीग्रेटेड सर्किट (Integrated Circuit) एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जिसमें कई इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स, जैसे ट्रांजिस्टर, कैपेसिटर, रेजिस्टर, डायोड, और एक्टिव और पैसिव उपकरणों के बहुत सारे संयोजक स्थानिकताओं को एक ही चिप पर एकत्र किया जाता है।

आईसी छोटे आकार और अधिकतम संयोजन के साथ एक आधारभूत इलेक्ट्रॉनिक संरचना प्रदान करता है। इसके अंदर विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स व उनके संयोजक तंत्र स्थापित होते हैं, जिन्हें चिप या सिलिकॉन सचेत (silicon wafer) के उपर एकत्रित किया जाता है। इसके बाद, एक प्रक्रिया के माध्यम से अपशिष्ट सिलिकॉन को हटाकर, संयोजक संरचना पर बारीक धातु का परत चढ़ाई जाती है ताकि यह संरचना सुरक्षित रहे और अनुचित एकसंयोजन को रोके।

फ्यूज़ (Fuse)

Electronics Component Fuse

फ्यूज (Fuse) एक इलेक्ट्रिकल सुरक्षा उपकरण होता है जो अधिकतम विद्युत प्रवाह (करंट) को नियंत्रित करने का कार्य करता है। यह एक संक्रामक पदार्थ से बनी धातु तार होती है जो बड़े करंट के उपयोग में इंपेडेंस को कम करके उसे गलाने का कार्य करती है। यदि विद्युत प्रवाह मानदंड से अधिक हो जाता है, तो फ्यूज में उत्पन्न गर्मी के कारण तार पिघल जाती है और इससे प्रवाह रोक दिया जाता है। यह उपकरण विद्युत संचालन में उपयोग होता है ताकि अधिकतम विद्युत प्रवाह से संयंत्रों और उपकरणों को सुरक्षित रखा जा सके। फ्यूज नवीनतम करंट संचालित और विद्युतीय संचार सिस्टमों, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, वाहनों, घरेलू बिजली सप्लाई सिस्टम, इत्यादि में उपयोग होता है।

सेगमेंट इंडिकेटर (Segment Indicator)

Electronics Component Segment Indicator

सेगमेंट इंडिकेटर (Segment Indicator) एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले होता है जिसमें अंकों, अक्षरों या सिंबल्स को प्रदर्शित करने के लिए सात सेगमेंट्स (आर्क-आकारित विकर्ण) का उपयोग किया जाता है। यह आमतौर पर डिजिटल प्रदर्शन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, विद्युत प्रेषण यंत्रों, डिजिटल घड़ियों, कार डैशबोर्ड, माइक्रोकंट्रोलर आदि में इस्तेमाल होता है।

स्विच Switch

Electronics Component Switch

यह उपकरण आमतौर पर कंप्यूटर, माइक्रोप्रोसेसर, माइक्रोकंट्रोलर, औद्योगिक नियंत्रण सिस्टम, डिजिटल उपकरण आदि में पाए जाते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य डिजिटल लॉजिक स्तर को चालू (ON) या बंद (OFF) करना है, जिससे उपकरण के संचालन, संकेतों का अधिकार, डेटा प्रवाह आदि नियंत्रित किया जा सकता है।

बेटरी (Battery)

Electronics Component Battery 3.7v 4v 6v 9v 12v

बैटरी (Battery) एक इलेक्ट्रिकल उपकरण होता है जो विद्युत ऊर्जा को संग्रहित करके उसे बाद में उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है। यह एक पाठशाला तत्व है जिसमें रेक्टिव रेडक्शन के द्वारा अद्यतित केमिकल ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।

बैटरी में एक या एक से अधिक केमिकल सेल्स (Cells) होती हैं, जो धातुओं और अपशिष्ट विलयन समाधान के माध्यम से एक सांद्रता विद्युत के रूप में आपस में जुड़ी होती हैं। इन सेल्स में दो प्रकार के धातुओं के आपसी रजनीतिक प्रभाव से विद्युत उत्पन्न होती है: एक अवरोही धातु (जैसे कि लीथियम) और एक उत्क्रमी धातु (जैसे कि कॉपर या जिंक)। इस प्रक्रिया में, रेडक्शन और ऑक्सीडेशन रिएक्शन घटित होते हैं, जिससे विद्युत उत्पन्न होती है।

मल्टीमीटर (Multimeter)

मल्टीमीटर (Multimeter) एक प्रयोगशाला उपकरण होता है जो विभिन्न प्रकार की विद्युत माप और परीक्षण के लिए उपयोग होता है। यह एक विद्युतीय परीक्षण मीटर होता है जो विभिन्न मापनों को संभाल सकता है, जैसे कि विद्युत वोल्टेज (वोल्ट्स), विद्युत प्रवाह (एम्पीयर), और विद्युत संचार (ओहम्स)।

मल्टीमीटर एक संयोजक डिस्प्ले, यानी कि एक संख्यात्मक डिस्प्ले के साथ आता है जो मापित मान या परिणाम प्रदर्शित करता है। इसके अलावा, यह विद्युत वोल्टेज, विद्युत प्रवाह और अनुपात के लिए संदर्भ रेंज और मापन क्षमता की भी पेशकश करता है।

इसके अलावा, मल्टीमीटर विभिन्न विद्युतीय प्राकृतिकीय रूपों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे कि कंपोनेंट्स और परिपथों की आपूर्ति की जांच, संरक्षण के निर्माण में मदद, विद्युतीय समस्याओं का खोज, और उपकरणों या यंत्रों की निर्माण में विद्युतीय संकेतों की मान्यता की जांच आदि।

माइक्रोस्विच (Microswitch)

माइक्रोस्विच (Microswitch) एक छोटा इलेक्ट्रॉमेकेनिकल स्विच होता है जिसमें छोटे माइक्रोलेवर और स्प्रिंग का उपयोग किया जाता है। यह एक उच्च सुरक्षा व स्थिरता वाला स्विच होता है जिसे छोटे आकार और उच्च संचारी धातु में प्राथमिक उपयोगों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है।

माइक्रोस्विच छोटे माइक्रोलेवर (actuator) के उपयोग से कार्य करता है, जिसे बदलते या दबाने पर स्विच किया जा सकता है। जब इंजन, मशीन, या उपकरण में यह माइक्रोलेवर विद्युतीय या मैकेनिकल संकेतों के बदलाव को जांचता है, तो माइक्रोस्विच की स्थिरता रूपांतरण के कारण उच्च सुरक्षा और संचारी विशेषताएँ होती हैं।

बजर (Buzzer)

बज़र (Buzzer) एक छोटा इलेक्ट्रिकल उपकरण होता है जो ध्वनि उत्पन्न करता है। यह ध्वनि प्रकार के संकेत के रूप में कार्य करता है और विभिन्न उद्दीपकों, संकेत देने वाले प्रणालियों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग होता है।

बज़र की संरचना आमतौर पर एक धातु लड़ा होती है, जिसे ध्वनि उत्पन्न करने के लिए विभ्रम कार्य करने वाले तंत्र (vibrating mechanism) या प्रकाश ध्वनि उत्पादक के साथ कनेक्ट किया जाता है। यह विभिन्न उच्चता, आवृत्ति, और ध्वनि गति की गतिशीलता में विशेषताएं देने वाले आपूर्तियों के साथ आता है।

एलडीआर LDR

LDR का पूरा नाम “Light Dependent Resistor” होता है. इसे आवश्यकतानुसार अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे फ़ोटोरेज़िस्टर (Photoresistor), फ़ोटोकंडक्टर (Photoconductor), या फ़ोटोसेल (Photocell)

LDR एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जिसकी प्रतिरोधकता (resistance) प्रकाश के प्रभाव में परिवर्तित होती है। यह प्रकाश संचरण प्रणाली का उपयोग करके ध्रुवीय विद्युत प्रतिरोधकता का मापन करता है। जब प्रकाश की मात्रा बदलती है, LDR की प्रतिरोधकता भी उसके साथ परिवर्तित होती है।

जब LDR को प्रकाश से प्रभावित किया जाता है, तो उसकी प्रतिरोधकता कम हो जाती है और विद्युत प्रवाह बढ़ता है। उम्रकैदी कोशिकाओं के अवलोकन के रूप में या विभिन्न अनुप्रयोगों में प्रयोग होने वाले बाहरी प्रकाश के संकेतों को आपूर्ति करने के लिए LDR का उपयोग किया जाता है।

सोल्डरिंग आइरन (Soldering Iron)

सोल्डरिंग आयरन (Soldering Iron) एक उपकरण है जो सोल्डर (Solder) को गलाने के लिए उपयोग होता है। सोल्डरिंग आयरन एक इलेक्ट्रिकल उपकरण होता है जिसमें एक मेटल तार की सिरे गर्म होती है और उसे सोल्डर को पिघलाने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।

यह तार धीरे-धीरे गर्म होती है जब आप इसे प्लग इन किए गए आयरन के साथ चालू करते हैं। गर्म होने के बाद, आप उस गर्म तार को सोल्डर जॉइंट (Solder Joint) पर लगा कर सोल्डर को पिघला सकते हैं। जब सोल्डर जॉइंट पर ठंडा होता है, तो यह जम जाता है और विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स को एक साथ जोड़ने के लिए मजबूत जोड़ बनाता है।

सोल्डरिंग आयरन की उपयोगिता और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रिकल तापमान को नियंत्रित किया जा सकता है। कई आयरन मॉडल विभिन्न तापमान सेटिंग्स के साथ आते हैं जो विभिन्न प्रकार के सोल्डरिंग कार्यों के लिए उपयोगी होते हैं।

पेस्ट (Paste)

पेस्ट (Paste) एक सबस्टैंस होती है जो एक घनी और मलवीय पदार्थ होता है। यह एक संरचनात्मक रूप से आपात रूप से विनिर्माण होता है जिसे अनुप्रयोगों में उपयोग किया जाता है।

पेस्ट की सामग्री और उपयोग अपेक्षानुसार भिन्न हो सकते हैं। यह विभिन्न केमिकल संयोजनों, एक्सडेटरेंट्स (excipients), और माध्यमों के साथ मिश्रित होती है। पेस्ट का उदाहरण हैंडव्राइटिंग के लिए आंतरिक लिखने के लिए उपयोग की जाने वाली शर्पी पेंसिल के रूप में होता है। इसके अलावा, आप पेस्ट को खाद्य, फार्मास्यूटिकल, कॉस्मेटिक्स, निर्माण, चेमिकल, और अन्य उद्योगों में भी देख सकते हैं।

उपयोग के आधार पर, पेस्ट की विभिन्न प्रकार हो सकती हैं, जैसे कि आधारित पेस्ट (Adhesive Paste) जो दो सतहों को जोड़ने के लिए उपयोग होती है

सोल्डरिंग एलईडी (Soldering LED)

सोल्डरिंग एलईडी (Soldering LED) एक प्रकार का लेड होता है जिसे सोल्डरिंग प्रक्रिया के माध्यम से एक सर्किट बोर्ड या अन्य उपकरण पर लगाया जाता है। यह सोल्डरिंग प्रविष्टियों द्वारा आपूर्ति करने और एक सामरिक संरचना बनाने के लिए प्रयुक्त होता है।

सोल्डरिंग एलईडी को सोल्डरिंग प्रक्रिया में उपयोग किया जाता है ताकि इलेक्ट्रिकल कनेक्शन सुरक्षित रूप से बना सके और विद्युत प्रवाह को सामरिक संरचना के साथ जोड़ा जा सके। सोल्डरिंग प्रक्रिया में, एलईडी के पिन या चिप्स को सोल्डर (Solder) की मदद से सर्किट बोर्ड के पैड्स (pads) या उच्च-तापमान योग्य सतहों पर जोड़ा जाता है। सोल्डरिंग प्रक्रिया के बाद, एलईडी सुरक्षित रूप से स्थापित होता है और संरचना के साथ अच्छी तरह से जुड़ा होता है

वीडीआर VDR

इलेक्ट्रॉनिक्स में, VDR (Voltage Dependent Resistor) एक प्रकार का प्रतिरोधक होता है जिसे भीषण विद्युतचुंबकीय संक्रिया वाले प्रतिरोधक के रूप में व्यवहार किया जाता है। VDR एक बिजली के संकेत को सूचित करने वाला उपकरण होता है जो विद्युत दबाव के संवेदनशीलता पर आधारित होता है।

VDR का मुख्य उद्देश्य एक प्राथमिक विद्युत रेखा को रक्षित रखना होता है जब उसमें असामान्य ऊर्जा विद्युत दबाव के रूप में उत्पन्न होती है। जब विद्युत दबाव विशेष सीमा से ऊपर जाता है, VDR स्वचालित रूप से अधिक प्रतिरोध प्रदान करता है और विद्युत दबाव को नियंत्रित करने में मदद करता है। इस प्रकार, VDR इलेक्ट्रिकल संरचना या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को अनावश्यक विद्युत दबाव से सुरक्षित रखता है।

रिले (Relay)

इलेक्ट्रॉनिक्स में, एक रिले (Relay) एक इलेक्ट्रॉमैग्नेटिक स्विच होता है जो एक या एक से अधिक संदर्भित सर्किट को खोलने या बंद करने के लिए उपयोग होता है। यह एक इलेक्ट्रोमैकेनिकल उपकरण होता है जिसमें इलेक्ट्रिकल स्विच को नियंत्रित करने के लिए इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कोइल, तार, और संदर्भित सर्किट के बीच एक संदर्भित मेकेनिज्म होता है।

रिले एक स्विच की भूमिका निभाता है जो एक संदर्भित सर्किट को दो अलग-अलग धारिता (circuit) में तब्दील करता है। जब रिले कोइल पर विद्युत संकेत लगाया जाता है, तो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कोइल की मदद से उपयुक्त मेकेनिज्म कार्य करता है और संदर्भित सर्किट को स्विच करता है। यह स्विचिंग क्रिया इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है, जहां संदर्भित सर्किट को एक सेटिंग (setting) में चाहिए जाता है

मौसपेट MOSFET

MOSFET (Metal-Oxide-Semiconductor Field-Effect Transistor) एक प्रकार का फ़ील्ड-इफेक्ट ट्रांजिस्टर होता है जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में विद्युतीय संकेतों को नियंत्रित करने के लिए उपयोग होता है। यह एक त्रिविधीय उपकरण है जिसमें प्राथमिकता एक उच्च प्रतिरोधीता धारिता (ड्रेन) और प्राथमिक विद्युतीय संकेत के नियंत्रण के लिए एक गेट होता है। MOSFET की उपस्थिति में, विद्युतीय संकेत गेट के माध्यम से ड्रेन और स्रोत के बीच प्रवाहित होता है।

MOSFET इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में आंतरिक विद्युतीय संचार, विद्युतीय प्रणालियों के नियंत्रण, तार-मुक्त लॉजिक गेट, विद्युतीय प्रबंधन उपकरण, रेडियो तथा आंतरजाल, सौर ऊर्जा सेल, इनवर्टर, एमपीटी, स्विचिंग संदर्भों में आवेदन किए जाते हैं। MOSFET प्रकारों में शामिल होते हैं:

कनेक्टिंग वायर एक छोटी, टांगी विद्युत संयोजन की तार होती है जो इलेक्ट्रॉनिक्स में उपयोग होती है। यह एक साधारणतया आधारभूत तार होती है जिसे विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को आपस में जोड़ने और संपर्क स्थापित करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

कनेक्टिंग वायर एक आवरणी धातु या प्लास्टिक जैकेट के साथ होती है जो इसे संरक्षित रखता है और इसकी सुरक्षा प्रदान करता है। इसके दोनों धातु धातु धारिता (Conductor) होते हैं जो विद्युत धारिता को प्रवाहित करते हैं। कनेक्टिंग वायर के धातु अक्सर तांगी या फ्लैट आकार के होते हैं, जिससे इसे आसानी से जोड़ा और संपर्क किया जा सकता है।

कनेक्टिंग वायर विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक परियोजनाओं में इलेक्ट्रिकल संपर्क स्थापित करने के लिए प्रयोग होता है। इसे एलेक्ट्रिकल कनेक्शन, जंक्शन वायर, संपर्क वायर या वायर जंक्शन के रूप में भी जाना जाता है।

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